tag:blogger.com,1999:blog-3075394819765340124.post6514106045997898920..comments2023-03-23T04:56:14.079-07:00Comments on Teri-Meri baat: नफरत, गुस्सा और बेबसीArvind Chotiahttp://www.blogger.com/profile/18100508364149607311noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-3075394819765340124.post-33490104234524329712010-04-26T04:41:15.624-07:002010-04-26T04:41:15.624-07:00विपरीत परिस्थितियां हौंसला देता हैं। पलायन किसी सम...विपरीत परिस्थितियां हौंसला देता हैं। पलायन किसी समस्या का हल नहीं होता। जीना तो तभी है जब अपराधी को अपराध की सजा मिले। क्या मरने से पहले हमें इस पर सोचना नहीं चाहिए ?<br /><br />भोगवाद के बढ़ते चलन से भारतीय समाज आक्रांतित है, कहीं न कहीं लगाम तो लगानी ही पड़ेगी। शुरूआत अभी से हो तो बेहतर रहेगा।<br /><br /><br />शुरूआत हो न हो, व्यथित को निराश नहीं होना चाहिए और पीडा़ के बाद एक संकल्प के साथ खड़े होने का प्रयास करना चाहिए।दुलाराम सहारणhttps://www.blogger.com/profile/07681737484352606046noreply@blogger.com