सुप्रभात। आईपीएल में मोदी यानि ललित मोदी, मनी यानि धन और मंत्री पहले भी थे और अब भी हैं। फर्क न अब आया है और न आगे आएगा इसकी उम्मीद की जानी चाहिए। हमारे देश के कर्ता-धर्ताओ को यह सारा खेल अब समझ में आ रहा है। पहले इसमें सिर्फ खेल की सफलता ही दिखाई दे रही थी। दरअसल, बेहिसाब पैसा जहाँ आएगा, कुछ तो बात होगी ही। लेकिन, हमारे कर्णधार तब तक कुछ भी देखने की जहमत नहीं उठाते, जब तक कि कुछ करना मजबूरी न बन जाये। क्या कोच्ची टीम में शशि थरूर का नाम आने से पहले किसी ने इतनी बड़ी रकम में नीलामी पर आपत्ति उठाने कि जहमत उठाई थी। बिलकुल नहीं। शशि थरूर का नाम आया तो एक महिला का नाम भी आया। इससे आगे बढे तो ललित मोदी के साथ भी एक महिला का नाम जुड़ गया। यहाँ कड़ी से कड़ी जुडती गई और एक कोड़े की शक्ल बन गई। जो देश की पीठ पर पड़ता हुआ महसूस हुआ। जो गडबडझाले आईपीएल में हैं और हुए हैं, उनका सच तो अभी सामने आना है, यह तो शुरुआत भर है। कौन कितनी जल्दी कितना अमीर हुआ और किसने कहा से कितना पैसा लगाया, ये सब शायद पूरी तरह सामने न भी आ याये, लेकिन ललित मोदी से जुड़े सच सामने आने लगे हैं। २००७ जो व्यक्ति सिर्फ १९ लाख का टैक्स चूका रहा है, वो २००९-१० में ११ करोड़ का टैक्स कहा से चूका रहा है। तीन साल में ही उसके पास प्राइवेट जेट, नाव, मर्सिडीज और BMW जैसी कारो का काफिला कहा से आ जाता है? अगर थरूर से पंगा न होता तो क्या ये साड़ी बाते सामने आती? काम से काम निकट भविष्य में तो नहीं ही आती। अब सरकार अपने मंत्रियो की भी खबर ले रही है और मोदी से जुड़े लोगो की भी। खबर है की आयकर विभाग अब पता लगाएगा की मोदी ने २००६ में टैक्स क्यों नहीं दिया और सिर्फ तीन साल में उनकी दौलत में इतना अंतर कैसे आया। कितना जोरदार मजाक है।
हमारे देश में लोगो के पद तो चले जाते हैं लेकिन उनका कुछ भी कभी बिगड़ा हो, कोई दावा नहीं कर सकता। आग लगने पर कुआ खोदने की हमारी आदत जाएगी नहीं और तब तक बहुत देर हो चुकी होगी।
Monday, April 19, 2010
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भाई अरविंद जी, ब्लॉग जगत में सक्रियता पर हार्दिक स्वागत और ढेर सारी शुभकामनाएं...
ReplyDeleteअच्छा लिखा है आपने...
निरंतरता बनाए रखें...
दूसरे ब्लॉग भी पढें और उन पर प्रतिक्रिया भी देवें...
www.srijandharmi.blogspot.com